केंद्र में नरेंद्र, महाराष्ट्र में देवेंद्र दोनों ठगेंद्र : यशवंत सिन्हा

Sinha said that the state government has not given relief to the farmers
केंद्र में नरेंद्र, महाराष्ट्र में देवेंद्र दोनों ठगेंद्र : यशवंत सिन्हा
केंद्र में नरेंद्र, महाराष्ट्र में देवेंद्र दोनों ठगेंद्र : यशवंत सिन्हा

डिजिटल डेस्क, अकोला। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसी भी मुद्दे पर किसानों को राहत नहीं दी है। उनकी एक भी मांग मानी नहीं गई इसलिए जब तक मांगें मानी नहीं जाती संघर्ष जारी रहेगा। केंद्र में नरेंद्र तथा महाराष्ट्र में देवेंद्र दोनों भी किसानों को ठग रहे हैं, इसलिए इन्हें एक शब्दों में ठगेंद्र कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी। क्योंकि दोनों से आम जनता तथा किसानों की उम्मीदें टूट चुकी हैं। सार्वजनिक जीवन में यदि सर्वाेच्च पद पर बैठा व्यक्ति लोगों को ठगे तो आम जनता क्या करे? यह उचित नहीं है। किसान लम्बे समय से संघर्ष करते आ रहे हैं इसलिए हमारा फर्ज बनता है कि हम सब साथ मिलकर इस संघर्ष को आगे बढ़ाएं।

शेतकरी जागर मंच की कासोधा परिषद में पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के अलावा अभिनेता सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, सांसद संजय सिंह, पूर्व विधायक आशीष देशमुख, रविकांत तुपकर की धर्मपत्नी शर्वरी तुपकर के अलावा सपा के राष्ट्रीय प्रवक्त घनश्याम तिवारी, गुजरात के पूर्व वनमंत्री प्रवीण जडेजा, सुराज्य सेना के अब्दुल फारुख, आप की प्रीति शर्मा मेनन ने अपने विचार रखे।  अब्दुल फारुख के अनुसार वर्तमान सरकार डायन है। जबकि प्रीति मेनन ने देवेंद्र फडणवीस को फसवणीस कहते हुए किसानों के साथ धोखा देने का आरोप लगाया।

शर्वरी तुपकर ने मुख्यमंत्री के अकाल पीड़ित क्षेत्र के दौरे को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि किसानों के खेतों में जाने की बजाए मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी कार्यालय से ही किसानों का हालचाल जान लिया। प्रवीण जडेजा ने सीबीआई के अस्थाना के मामले को नरेंद्र मोदी से जोड़ते हुए उनकी खिंचाई की। वहीं संजय सिंह ने मोदी के खिलाफ नया नारा दिया। और कहा कि मोदीजी कह रहे हैं तुम मुझे वोट दो खून तो मैं चूस ही लूंगा। कार्यक्रम का संचालन गजानन अमदाबादकर ने किया। 

अपने अधिकारों के लिए किसान एकता जरूरी : शत्रुघ्न सिन्हा
शेतकरी जागार मंच की ओर से अकोला के स्वराज्य भवन प्रांगण में दूसरी कासोधा परिषद (कपास, सोयाबीन, धान परिषद) आयोजित की गई। जिसमें किसानों को मार्गदर्शन करते हुए बिहारी बाबू अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि देश का सबसे बड़ा परिवार किसान परिवार है। यहां 51  प्रतिशत से अधिक लोग खेती करते हैं। हमारे पूर्वज किसान ही थे। लिहाजा हम सब किसान हैं। इसलिए किसानों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए पहल की जानी चाहिए। उपजाऊ जमीनों पर हमने सडक़ें बना दीं, अच्छी जमीनें उद्योगों ने हड़प लीं। ऐसे में किसानों की समस्याओं को सुननेवाला कोई तो होना चाहिए।

किसानों को कर्जमाफी मिलनी चाहिए। उनका बीमा भी किया जाना चाहिए। फसलों का भी बीमा हो तथा उन्हें बुनियादी सुविधाएं दी जानी चाहिए। यदि हमें यह सब नहीं मिल रहा है तो अपने अधिकारों के लिए हमें एकजुट होकर आवाज बुलंद करनी पड़ेगी। अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने आगे कहा कि अकोला में विगत वर्ष कासोधा परिषद हुई जिसमें मुख्यमंत्री की ओर से जिलाधिकारी ने लिखित आश्वासन दिया, लेकिन १० माह बाद भी उनकी पूर्ति नहीं हुई। इस तरह किसानों को शासन न बांटे किसानों के साथ जुल्म न करें अन्यथा किसान रास्ते पर उतरे तो सरकार के लिए समस्या बन जाएंगे।

यह प्रस्ताव हुए पारित
शेतकरी जागर मंच की ओर से विगत वर्ष अकोला में कासोधा परिषद आयोजित की गई। परिषद में उपस्थित पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा की अगुवाई में किसानों की मांगे महाराष्ट्र सरकार ने मानी थीं। लेकिन उन पर सरकार ने कोई अमल नहीं किया गया था आज स्वराज्य भवन प्रांगण में आयोजित दूसरी कासोधा परिषद में नेताओं की उपस्थिति में प्रशांत गावंडे ने किसानों के समक्ष प्रस्ताव रखे जिसे सर्वसम्मती से मंजूर किया गया। जिसमें कृषि उत्पादों के लिए भावांतर योजना तत्काल लागू की जाए, कपास, मूंग, उड़द तथा सोयाबीन के लिए शासकीय खरीद योजना में एकड़ का निकष रद्द किया जाए, किसानों का सात बारह दस्तावेज काेरा किया जाए, सभी किसानों को प्रति एकड़ पचास हजार कर्ज दिया जाए, कृषि अौजार, बीज, खाद से जीएसटी माफ किया जाए, वन्य जीवों से होने वाले फसलों के नुकसान का मुआवजा दिए जाने की मांग शामिल है।

Created On :   24 Oct 2018 4:35 AM GMT

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