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उत्तराखंड: सस्पेंड महिला टीचर से शिक्षा मंत्री ने मांगी माफी, मदद का दिलाया भरोसा
डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने सस्पेंड की गई महिला शिक्षक उत्तरा पंत बहुगुणा से शनिवार को फोन पर बात की। बहुगुणा ने बताया कि फोन पर शिक्षा मंत्री ने उन्हें 3 जुलाई को मिलकर उनकी समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है। बहुगुणा ने कहा कि उन्होंने टीचर से माफी भी मांगी है।
Received phone call from Education Min.He assured he"ll meet me on July 3find solution to my problem.He apologised when I told him of injustice done to me by Edu Dept:Uttara Pant Bahuguna,teacher suspended by #Uttarakhand CM after she argued with him on June 28 over her transfer pic.twitter.com/PuX7QbH1Hc
— ANI (@ANI) June 30, 2018
अधूरा वीडियो हो रहा सर्कुलेट
महिला शिक्षक के बेटे ने कहा कि, मेरी मां के साथ सीएम की बातचीत का जो वीडियो सर्कुलेट किया जा रहा है वो अधूरा है। ये उनकी गलती थी कि वह सीएम से इस तरह से बात कर रही थी। वह कह रहे थे कि टीचर को इस तरह से बात नहीं करना चाहिए, लेकिन एक सीएम को भी इस तरह से बात नहीं करना चाहिए।
Video being circulated was incomplete, complete video shows how CM spoke to my mother. It was his fault,he instigated her to speak like that. They"re saying a teacher shouldn"t speak like that but a CM shouldn"t speak like that too: Son of the teacher suspended by #Uttarakhand CM pic.twitter.com/bTy8SRLxlL
— ANI (@ANI) June 30, 2018
सीएम ने दिए थे सस्पेंड के आदेश
गौरतलब है कि गुरुवार (28 जून) को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के दरबार में उत्तरकाशी जिले में तैनात महिला शिक्षक उत्तरा पंत बहुगुणा अपने तबादले की फरियाद लेकर पहुंची थी। महिला अपना ट्रांसफर उत्तरकाशी से देहरादून करवाना चाहती थी। तबादले के मामले में तत्काल कोई कार्रवाई न होने पर वह बिफर गईं। इसके बाद सीएम रावत आपा खो बैठे और उन्होंने महिला शिक्षक को सस्पेंड करने के आदेश दे डाले।
लंबे समय से ट्रांसफर नहीं हुआ
उत्तरा पंत बहुगुणा के परिजनों का कहना था कि वे पिछले 25 साल से उत्तरकाशी जिले के दुर्गम विद्यालय में तैनात हैं। वहीं पर उनके पति की भी बीमारी के कारण मृत्यु हो गई। काफी लंबे समय से आवेदन के बाद भी उनका ट्रांसफर नहीं किया गया। गुरुवार को भी सीएम के सामने अपनी समस्या रखने गईं, लेकिन सीएम उनकी समस्या नहीं समझ पाए। जिस कारण विवाद की स्थिति बनी।
ट्रांसफर करना मेरे हाथ में नहीं
वहीं सीएम के मीडिया कॉर्डिनेटर दर्शन सिंह रावत ने मामले में कहा था कि सीएम ने महिला शिक्षक की बात को गौर से सुना था। इसके बाद सीएम ने महिला को स्पष्ट किया कि स्थानांतरण एक्ट लागू होने के बाद वे खुद इस मामले में कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं हैं। चूंकि, महिला शिक्षिक का जिला कैडर है, लिहाजा नियमानुसार स्थानांतरण उत्तरकाशी जिले के भीतर ही हो सकता है।
Created On :   30 Jun 2018 2:37 PM GMT