प्रथम पूज्य श्रीगणेश इस पूजा विधि से होंगे प्रसन्न, जानें उपाए

Take these  measures on  Wednesday,  Ganesh ji will be happy
प्रथम पूज्य श्रीगणेश इस पूजा विधि से होंगे प्रसन्न, जानें उपाए
प्रथम पूज्य श्रीगणेश इस पूजा विधि से होंगे प्रसन्न, जानें उपाए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू संस्कृति और पूजा में भगवान श्रीगणेश जी को सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया गया है। प्रत्येक शुभ कार्य को प्रारम्भ करने से पहले सर्वप्रथम भगवान गणेश की ही पूजा अनिवार्य बताई गई है। वेद पुरणों में निहित है कि देवता भी अपने कार्यों को प्रारम्भ करने के लिए गणेश जी की अर्चना सर्वप्रथम करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि देवताओं ने ही स्वयं इनकी प्रथमपूजा का विधान बनाया है। आइए जानते हैं बुधवार के दिन के किए जाने वाले कुछ ऐसे उपाय, जिनसे गणेश जी को प्रसन्न किया जा सकता है।

कारण
शास्त्रों में एक और ये बात आती है कि भगवान शंकर त्रिपुरासुर का वध करने में जब असफल हुए, तब उन्होंने गंभीरतापूर्वक विचार किया कि उनके युद्ध में विघ्न क्यों पड़ा ? तब शिवजी को यह ज्ञात हुआ कि वे श्रीगणेश की पूजा किए बिना त्रिपुरासुर से युद्ध करने चले गए थे। इसके बाद शिवजी ने गणेशजी का आवाहन पूजन कर उन्हें भोग लगाया और पुन: त्रिपुरासुर पर प्रहार किया, तब उनका विजय मनोरथ पूर्ण हुआ।

सनातन धर्म एवं हिन्दू शास्त्रों में भगवान गणेशजी को, विघ्नहर्ता अर्थात सभी प्रकार की पीड़ा को समाप्त करने वाला बताया गया है। पुराणों में गणेशजी की भक्ति शनि सहित सभी ग्रहदोष दूर करने वाली भी बताई गई हैं। प्रत्येक बुधवार के शुभ दिन गणेशजी की उपासना से व्यक्ति का सुख-सौभाग्य बढ़ता है और सभी प्रकार के अवरोध दूर होते हैं।

गणेश भगवान की पूजा विधि 
बुधवार के दिन प्रातः काल स्नान ध्यान आदि से शुद्ध होकर सर्व प्रथम ताम्र पत्र के श्रीगणेश प्रतिमा या यन्त्र को साफ मिट्टी, नमक, निम्बू से अच्छे से साफ करें। पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख कर के आसान पर विराजमान हो कर सामने श्रीगणेश प्रतिमा या यन्त्र की स्थापना करें।

शुद्ध आसन पर बैठकर सभी पूजन सामग्री को एकत्रित कर जैसे पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक आदि गणेश भगवान को समर्पित कर, इनकी आरती करें। अंत में भगवान गणेश जी का स्मरण कर ॐ गं गणपतये नमः का 108 नाम मंत्र का जाप करना चाहिए। बुधवार को यहां बताए जा रहे ये छोटे-छोटे उपाय करने से व्यक्ति को लाभ प्राप्त होता है–

बिगड़े काम बनाने के लिए बुधवार को गणेश मंत्र का स्मरण करें-

त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय। 
नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।

अर्थात:- 
भगवान गणेश आप सभी बुद्धियों को देने वाले, बुद्धि को जगाने वाले और देवताओं के भी ईश्वर हैं। 
आप ही सत्य और नित्य बोधस्वरूप हैं। आपको मैं सदा नमन करता हूं।
कम से कम 21 बार इस मंत्र का जप जरुर होना चाहिए।

ग्रह दोष और शत्रुओं से बचाव के लिए-
गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक:।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम्।।

इसमें भगवान गणेश जी के बारह नामों का स्मरण किया गया है। 
इन नामों का जप अगर मंदिर में बैठकर किया जाए तो यह उत्तम बताया जाता है। 
जब पूरी पूजा विधि हो जाए तो कम से कम 11 बार इन नामों का उच्चारण करना शुभ होता है।

परिवार और व्यक्ति के दुःख दूर करते हैं यह सरल उपाय – 
बुधवार के दिन घर में सफेद रंग के गणपति की स्थापना करने से समस्त प्रकार की तंत्र शक्ति का नाश होता है।

धन प्राप्ति के लिए बुधवार के दिन श्रीगणेश को घी और गुड़ का भोग लगाएं। 
कुछ देर बाद घी व गुड़ गाय को खिला दें। ये उपाय करने से धन संबंधी समस्या का निदान हो जाता है।

परिवार में कलह कलेश हो तो बुधवार के दिन दूर्वा के गणेश जी की प्रतिकात्मक मूर्ति बनवाएं। 
इसे अपने घर के मंदिर में स्थापित करें और प्रतिदिन इसकी विधि-विधान से पूजा करें।

घर के मुख्य द्वार पर गणेशजी की प्रतिमा लगाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। 
कोई भी नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं कर पाती है।

Created On :   9 Jan 2019 3:50 AM GMT

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