जज लोया प्रकरण में याचिका दायर, कहा- राज्य सरकार ने छिपाया सबूत

The petition filed in the Judge Loya Case, said- State Government hidden evidence
जज लोया प्रकरण में याचिका दायर, कहा- राज्य सरकार ने छिपाया सबूत
जज लोया प्रकरण में याचिका दायर, कहा- राज्य सरकार ने छिपाया सबूत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में सीबीआई के दिवंगत जज ब्रिजमोहन लोया की संशयास्पद मृत्यु प्रकरण में एड.सतीश उके द्वारा फौजदारी रिट याचिका दायर की गई है। बीती सुनवाई में हाईकोर्ट ने उन्हें याचिका में अधिक स्पष्टीकरण लाने के आदेश दिए थे। हाल ही में उन्होंने कोर्ट में अपना शपथ-पत्र प्रस्तुत किया है। इसमें उके का दावा है कि सर्वोच्च न्यायालय में बीते दिनों हुई सुनवाई में राज्य सरकार ने कई अहम सबूतों को प्रस्तुत ही नहीं किया, जिससे सर्वोच्च न्यायालय के सामने पूरे तथ्य नहीं आ सके थे।

उके का दावा है कि सरकार द्वारा छिपाए गए सबूतों को उन्होंने नागपुर बेंच में चल रही अपनी याचिका में प्रस्तुत किया है। उके का दावा कि राज्य सरकार यदि नागपुर बेंच में इस बात का शपथ-पत्र दे देती है कि उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में ये सभी सबूत प्रस्तुत किए थे, तो उके स्वयं को इस केस से अलग कर लेंगे। इस मामले में जल्द ही कोर्ट में सुनवाई होगी।

ऐसी है याचिका 
अधिवक्ता सतीश महादेवराव उके द्वारा दायर इस जनहित याचिका में आरोप है कि 1 दिसंबर 2014 को शहर के सिविल लाइंस स्थित रवि भवन में जज लोया की मृत्यु हार्टअटैक से नहीं हुई, बल्कि उन्हें रेडियोएक्टिव आयसोटॉप जहर देकर मौत के घाट उतारा गया। बीते दिनों लोया प्रकरण से जुड़े सभी मामले सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिए थे। अब उके का दावा है कि उनके पास इस प्रकरण से जुड़े ऐसे पुख्ता सबूत हैं, जिससे कि कई राजनीतिक हस्तियों की इस प्रकरण में लिप्तता सामने आएगी, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने उके के पास मौजूद दस्तावेजों को देखे बगैर आदेश जारी किया था। ऐसे में वे एक बार फिर नए सिरे से याचिका दायर कर रहे हैं। उनके पास मौजूद सबूतों के कारण उन्हें लगातार धमकियां भी मिल रही हैं। अपनी याचिका में उके ने नागपुर बेंच से प्रार्थना की है कि वे जज लोया प्रकरण से जुड़े तमाम दस्तावेजों को सुरक्षित कस्टडी में रखने का आदेश जारी करें।

Created On :   20 Feb 2019 7:36 AM GMT

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