शहडोल में बिना दुल्हन के लौटी बारात, मामला बाल विवाह का

There is an incident of child marriage in Shahdol, administration stopped wedding
शहडोल में बिना दुल्हन के लौटी बारात, मामला बाल विवाह का
शहडोल में बिना दुल्हन के लौटी बारात, मामला बाल विवाह का

डिजिटल डेस्क, शहडोल। यहां एक बालिग वधु को ले जाने आई बारात को अंतत: बेरंग लौटना पड़ा और प्रशासनिक सजगता से एक नाबालिग को वधु बनने से रोक लिया गया। समझाइश के बाद पूरा मामला शांति से निपट गया। दोनों पक्षों ने एक साथ बैठकर खाना गया और बारात बिना फेरे बिना दुल्हन के वापस लौट गई।

शुरूआती रस्में हो गईं थी पूरी
इस संबंध में बताया गया है कि तैयारी के बीच घर में बारात पहुंची। शुरुआती रस्म पूरी होने के बाद फेरे होने की तैयारी चल रही थी तभी प्रशासनिक अधिकारियों ने पहुंचकर विवाह रुकवा दिया। वजह थी कि वधु कानूनी रूप से नाबालिग थी। चूंकि सारी तैयारियां हो चुकी थी, खाना भी बन चुका था। समझाइश के बाद दोनों पक्षों ने भोजन किया, लेकिन बिना दुल्हन के बारात लौटानी पड़ी। यह वाकया विकासखण्ड बुढ़ार के जैतपुर थानांतर्गत ग्राम खैरहनी की है। जहां प्रशासन ने बाल विवाह होने से दोनों पक्षों को समझाइश देने के बाद रुकवाया।

15 वर्ष की थी बालिग
जानकारी के अनुसार खैरहनी में एक मजदूर परिवार की बेटी, जिसकी उम्र अभी साढ़े 15 वर्ष ही है, उसकी शादी कराई जा रही थी। वर समीपी ग्राम छोहरी का था, जिसकी उम्र 20 साल थी। महिला एवं बाल विकास को सूचना मिली। वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देने के बाद परियोजना अधिकारी प्रदीप नारायण मिश्रा व स्टाफ जैतपुर टीआई गणेश सिंह ठाकुर अपने पुलिस बल के साथ खैरहनी गांव पहुंचे। रात करीब 9 बजे तक बारात पहुंच चुकी थी। वधू की अंकसूची में जन्म तिथि 12 मई 2003 अंकित थी। लड़की घरवालों को समझाइश दी गई कि अभी कानूनी रूप से बालिग नहीं हुई है, विवाह करना अपराध है। अधिकारियों की समझाइश के बाद वर-वधू पक्ष लड़की के बालिग होने तक विवाह रोकने को तैयार हो गए। लिखित पंचनामा के बाद सभी लोगों ने भोजन किया और बारात लौटा दी गई।

 

Created On :   23 Feb 2019 7:54 AM GMT

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