महाशिवरात्रि पर इन उपायों से मिलेगी हर संकट से मुक्ति, बनेगा सौभाग्य 

These measures on Mahashivaratri will get rid of every crisis
महाशिवरात्रि पर इन उपायों से मिलेगी हर संकट से मुक्ति, बनेगा सौभाग्य 
महाशिवरात्रि पर इन उपायों से मिलेगी हर संकट से मुक्ति, बनेगा सौभाग्य 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाशिवरात्रि का व्रत फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को किया जाता है। इस वर्ष सोमवार के दिन सिद्धियोग श्रवण नक्षत्र में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा, जो कि 4 मार्च 2019 को है। इस दिन दुर्लभ सिद्धियोग का संयोग श्रद्धालुओं के लिए विशेष फल देने वाला है। कई वर्षों के बाद यह योग लोगों के जीवन में शिव की कृपा प्राप्ति में सहायक रहेगा। इस दिन रात्रि में व्रत किए जाने के कारण इस व्रत का नाम शिवरात्रि होना सार्थक हो जाता है। 

स्कन्दपुराण के अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिव पूजन, जागरण और उपवास करने वाले को प्रारब्ध के कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस दिन रात्रि के समय स्वयं शिव पार्वती जी भ्रमण करते हैं, अत: इस समय में पूजन करने से मनुष्यों के पाप दूर हो जाते हैं। 

  • महाशिवरात्रि के दिन कम से कम किसी एक गाय, बैल अथवा सांड को हरा चारा, गुड़ आदि अवश्य खिलाना चाहिए, इससे आपके ऊपर आया बड़े से बड़ा संकट भी टल जाता है। 
  • महाशिवरात्रि के दिन रात्रि में 9 बजे के बाद किसी निर्जन स्थान पर बने हुए शिव मंदिर में जाएं तथा वहां साफ-सफाई कर पूजा-अर्चना करें, दीपक जलाएं। इससे आप पर आई बड़ी से बड़ी समस्या भी दूर हो जाएगी। 
  • महाशिवरात्रि की रात को शिवलिंग पर "ॐ जूं सः"  (ये महामृत्युंजय का बीज है) मंत्र का जाप करते हुए दूध मिश्रित जल चढ़ाएं तथा बील पत्र अर्पण करें। इससे स्वयं की तथा परिवार की स्वास्थ्य संबंधी सभी समस्याएं तुरंत ही भाग जाएंगी। 
  • महाशिवरात्रि पर एक छोटा सा पारद शिवलिंग घर में लाकर उसकी विधिवत स्थापना करें तथा प्रतिदिन धूप बत्ती, पुष्प आदि चढ़ा पूजा करें। इस उपाय से घर में साक्षात महालक्ष्मी का वास होता है। 
  • यदि दाम्पत्य जीवन में समस्याएं हो तो किसी सुहागन स्त्री को सुहाग की सामग्री तथा लाल साड़ी, चूड़ियां, कुमकुम आदि उपहार में दें। गृहस्थ जीवन सुखमय हो जाएगा। 
  • महाशिवरात्रि पर योग्यपात्र को कुछ न कुछ दान अवश्य करें। यदि किसी अनाथ आश्रम में भोजन दान दें सकें तो दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल जाएगा। 
  • महाशिवरात्रि पर किसी शिव मंदिर में जाकर श्रद्धा से ॐ नमः शिवाय अथवा महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। इससे कुंडली में चल रहे खराब ग्रह भी अनुकूल बन जाते हैं तथा आपके बिगड़े हुए काम भी बनने लगते हैं। 
  • शिवपुराण के अनुसार इस दिन बिल्व पत्र के वृक्ष की पूजा करने के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए। इससे मनावांछित इच्छा पूरी होती है।

चारों प्रहर की पूजा
महाशिवरात्रि पर इस बार शिवजी की पूजा करने से भक्तों को कई गुणा अधिक फल प्राप्त होगा। महाशिवरात्रि पर शिवजी को जलाभिषेक व पूजा-पाठ करने से घर में सुख- समृद्धि बनी रहेगी। धार्मिक कार्यों की दृष्टि से यह विशेष माना गया है। महाशिवरात्रि पर भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने से मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं। इस दिन व्रती को फल, पुष्प, चंदन, बिल्वपत्र, धतूरा, धूप, दीप और नैवेद्य से चारों प्रहर की पूजा करनी चाहिए। दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अलग-अलग तथा सबको एक साथ मिलाकर पंचामृत से शिव को स्नान कराकर जल से अभिषेक करें। चारों प्रहर के पूजन में शिव पंचाक्षर "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जप करें। 

Created On :   18 Feb 2019 7:41 AM GMT

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