कौड़ी के दाम बिक रहा किसानों का पीला सोना, समर्थन मूल्य से भी कम दाम पर हो रही खरीदी

traders are buying paddy on less than the minimum support price
कौड़ी के दाम बिक रहा किसानों का पीला सोना, समर्थन मूल्य से भी कम दाम पर हो रही खरीदी
कौड़ी के दाम बिक रहा किसानों का पीला सोना, समर्थन मूल्य से भी कम दाम पर हो रही खरीदी

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। धान को किसानों का पीला सोना कहा जाता है। किसानों के इस पीले सोने को व्यापारियों द्वारा समर्थन मूल्य से कम दाम में खरीदकर किसानों की लूट की जा रही है। शासन ने इस वर्ष सर्वसाधारण श्रेणी के धान को प्रति क्विंटल 1750  रुपए एवं अ श्रेणी के धान को 1770  रुपए में खरीदी करने का आदेश है। किंतु धान के कुछ व्यापारी किसानों की मजबूरी को देखते हुए 1400  रुपए से लेकर 1500  रुपए तक खरीद रहे हैं।

बता दें कि अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह से ही हल्के धान की फसल निकलना शुरू हो गई है। किसानों का धान को समर्थन मुल्य भी शासन ने घोषित कर दिया है। सर्वसाधारण धान को 1750 व ए श्रेणी के धान को प्रति क्विंटल 1770 रूपए खरीदने के आदेश धान खरीदी केंद्रों को दे दिया गया है। जिला मार्केटिंग फेडरेशन ने 57 धान खरीदी केंद्र शुरू करने की अनुमति भी दे दी है। लेकिन अभी तक एक भी धान खरीदी केंद्र शुरू नहीं हुआ है। जिस वजह से किसान अपना मुल्यवान धान व्यापारियों को बेच रहे है। जिसका विपरित लाभ कुछ धान व्यापारी लेकर 1400  से 1500 रूपए तक खरीदकर लूट करने का कार्य शुरू कर दिया है। जबकि व्यापारी 1750 रूपए प्रतिक्विंटल खरीदना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। जिले में अभी तक लगभग 50  हजार से अधिक क्विंटल धान व्यापारियों द्वारा खरीदा जाने का अनुमान लगाया गया है। 

कल से केंद्र होगे शुरू 
जिला मार्केटिंग फेडरेशन की ओर से जिले में 57  अधिकृत धान खरीदी केंद्रों को मंजूरी दे दी गई है। सोमवार से सभी केंद्र को शुरूआत करने के निर्देश संबंधित केंद्र संचालकों को दे दिए गए हैं। यदि कोई समर्थन मूल्य से कम धान की खरीदी करता है तो शिकायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जाती है। 
- एम.जेड. घोनाडे, डीएमओ गोंदिया

शिकायत करें
अधिकृत व्यापारी यदि समर्थन मूल्य से कम में धान की खरीदी करता है तो उसकी शिकायत एफएमसी विभाग से करें। जांच कर उन पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं जरूरतमंद किसानों के लिए शेत माल तारण कर्ज योजना शुरू कर दी गई है। इस योजना के तहत किसानों को खरीदे गए धान की राशि के पूर्व ही 75 प्रतिशत कर्ज के रूप में राशि दी जाती है। जिसका वार्षिक ब्याज 6 प्रतिशत होता है। इस योजना का लाभ किसानों ने लेना चाहिए। 
- पुरूषोत्तम बोपचे, निरीक्षक एफएमसी, गोरेगांव 

Created On :   20 Oct 2018 2:29 PM GMT

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