महबूबा ने पूछा, जब पंजाब में सीमा खुल सकती है तो कश्मीर में क्यों नहीं

When border can open in Punjab, why not in Kashmir : Mehbooba
महबूबा ने पूछा, जब पंजाब में सीमा खुल सकती है तो कश्मीर में क्यों नहीं
महबूबा ने पूछा, जब पंजाब में सीमा खुल सकती है तो कश्मीर में क्यों नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि जब पंजाब में पाकिस्तान से आने-जाने के लिए करतारपुर का रास्ता खोला जा सकता है, तो जम्मू काश्मीर के रास्ते क्यो नहीं खोल सकते हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ आर्थिक पैकेज देकर कश्मीर समस्या का समाधान नहीं हो सकता। पीडीपी प्रमुख महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी, नेशनल कांफ्रेस (एनसी) व कांग्रेस का गठबंधन समय की मांग है। शुक्रवार को एनजीओ आब्जर्बर रिसर्च फाउडेंशन (ओआरएफ) द्वारा मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थी। 

आत्महत्या जैसा था भाजपा के साथ गठबंधन 
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कहते थे कि मैं कश्मीर समस्या का समाधान करना चाहता हूं। लेकिन दुर्भाग्यवश अटल जी कि पार्टी के चुनाव हारने की वजह से पाकिस्तान और अलगाववादियों के साथ चल रही बातचीत बंद हो गई। इस बार मेरे पिता जी (मुफ्ती मोहम्मद सईद) खुद भाजपा के साथ आए थे। वे कहते थे कि हम वाजपेयी के नक्शे कदम पर चलेंगे। हमे भरोसा था कि वाजपेयी जी ने जहां छोड़ा था, मोदी जी उसको आगे बढ़ाएंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन आत्महत्या करने जैसा था। इस गठबंधन से हमारा सबकुछ छीन लिया। 

उन्होंने कहा कि देश में भीड़ द्वारा हत्या की घटनाओं से हम निराश हुए हैं। इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ नहीं बोला। महबूबा ने कहा कि आज कश्मीर में नए बच्चे आतंकी बन रहे हैं। लोग कहते हैं कि कश्मिरियों को हमें सलाह नहीं देना चाहिए कि पाकिस्तान को लेकर भारत को क्या करें। लेकिन हम सलाह देंगे क्योंकि कश्मीर के लोग ही परेशान हो रहे हैं। मैं महसूस करती हूं कि सार्क देशों को साथ आना चाहिए। कश्मीर को माडर्न बनाने के लिए हम बहुत सारी चीजों कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग किसको वोट देंगे, इसका फैसला भाजपा नेता राम माधव नहीं कर सकते। 

कश्मीरी पंडितों का जाना दुखद
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के चुनाव में कश्मीर को मुद्दा नही बनाया जाता। लेकिन हमारे देश में कश्मीर चुनावी मुद्दा बन जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बुराहन वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर में हिंसा हुई। जिसके कारण कई लोगों जख्मी हुए और मारे गए। हमारा जोर कानून-व्यवस्था को लेकर था। महबूबा ने इस बात पर दुख जताया कि हम कश्मीरी पंडितो को वहां सुरक्षित नहीं रख सके। कश्मीरों पंडितों के जाने से कश्मीरी जनता को नुकसान हुआ है। शिक्षा, संस्कृति और कुटीर उद्योग में‍ पंडितों का योगदान अतुलनीय है।  उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद के मामले में भी भाजपा को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए। 
 

Created On :   14 Dec 2018 3:05 PM GMT

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