आई एम एंड आई विल के जज्बे के साथ हारेगा कैंसर, इन्होंने ने जीती कैंसर से जंग

world cancer day, fight with cancer
आई एम एंड आई विल के जज्बे के साथ हारेगा कैंसर, इन्होंने ने जीती कैंसर से जंग
आई एम एंड आई विल के जज्बे के साथ हारेगा कैंसर, इन्होंने ने जीती कैंसर से जंग

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। कैंसर, एक ऐसी बीमारी, जो न सिर्फ शरीर पर इफैक्ट डालती है, बल्कि दिलो-दिमाग पर भी उतना ही असर डालती है। वजह साफ है कि लोग आज भी इसे लाइलाज मानते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। कैंसर से लड़ा जा सकता है और जीता भी जा सकता है। इस बात की मिसाल हैं वे लोग, जिन्होंने अपने हौसले और परिवार के सपोर्ट के चलते कैंसर को भी मात दे दी। आज विश्व कैंसर दिवस है। इस मौके पर हमने उन लोगों ने बात की, जिन्होंने कैंसर को हराया। वहीं विशेषज्ञों से इस बीमारी के लक्षण, बचने की उपायों और कारणों के बारे में जाना। विशेषज्ञों का कहना है कि कैंसर गलत लाइफ स्टाइल के कारण बढने वाली बीमारी है और शुरूआती निदान तथा बेहतर समझ से इससे बचना और उबरना संभव है। इस बार वर्ल्ड कैंसर-डे की थीम भी आई एम एंड आई विल रखी गई है यानी पेशेंट चाह ले, तो कैंसर जरूर हारेगा।
कैंसर पर पाई विजय-
सामान्य बीमारी की तरह लिया

मुझे 5 अप्रैल, 2017 को ब्रेस्ट कैंसर डिटेक्ट हुआ। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम लोगों को डरा देता है। मैं भी डिप्रेशन में गई। ऐसे वक्त में मेरे हसबैंड और परिवार का सपोर्ट मिला। मैंने इसे सामान्य बीमारी की तरह लिया और तय किया कि कुछ भी हो जाए, हार नहीं मानूँगी। पूरी तरह ट्रीटमेंट पर फोकस किया और इस बीमारी पर जीत हासिल की।
श्रीमती नीता कटियार
नहीं लिया कोई टेंशन
3 साल पहले की बात है, गले में छाला हुआ। जाँच कराई, तो कैंसर की पुष्टि हुई। इससे भी बड़ी बात कि यह कैंसर का थर्ड स्टेज था। पहले बाहर इलाज कराने का विचार किया, फिर शहर में ही ट्रीटमेंट कराया। मेरे लिए यह आसान नहीं था, तब परिवार से हौसला मिला कि यह सामान्य बीमारी है। उन्होंने मुझे यह महसूस नहीं होने दिया कि मुझे डरना चाहिए।
गोपीकिशन शर्मा
दें मोटिवेशन-

विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसे वक्त में पेशेंट को मोटिवेट करने जरूरत होती है। फैमिली-फ्रेंड्स का सपोर्ट उन्हें इससे लडऩे तैयार करेगा। इस बात का भरोसा दिलाएँ कि यह सामान्य बीमारी है, जिसे आप अपने जज्बे से ठीक कर सकते हैं।
क्या है कैंसर
विशेषज्ञों के अनुसार शरीर में कोशिकाओं के समूह की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर है। जब ये कोशिकाएँ टिश्यू को प्रभावित करती हैं, तो कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है। कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है। कैंसर के कई प्रकार हैं जैसे- स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेन कैंसर, बोन कैंसर, ब्लैडर कैंसर, पेंक्रियाटिक कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, गर्भाशय कैंसर, किडनी कैंसर, लंग कैंसर, त्वचा कैंसर, स्टमक कैंसर, थायरॅाइड कैंसर, मुँह का कैंसर, गले का कैंसर इत्यादि।
विशेषज्ञों के अनुसार इन बातों का रखें ध्यान
- खाने में पपीता, तरबूज, अखरोट, ब्लूबेरी, अंगूर, आँवला, गाजर, टमाटर, ग्रीन टी का सेवन नियमित दिनचर्या में शामिल करें। हल्दी का विभिन्न रूपों में भोजन में प्रयोग लाभकारी है।
- एल्कोहल, तंबाकू, डिब्बाबंद सब्जियों, रैडमीट, कृत्रिम शुगर, डोनट्स, हॉटडॉग,ज्यादा तले हुये आलू, ज्यादा वेजीटेबल ऑयल का प्रयोग न करें। - रोजाना मुख की सफाई ठीक से करें, शराब, तंबाकू युक्त पदार्थों से दूर रहें तथा ज्यादा गर्म चाय न पिएँ।
सामान्यत: कैंसर होने के कुछ लक्षण
- शरीर में किसी भी स्थान पर गाँठ का होना
- महिलाओं में माहवारी का बार-बार अनियमित होना
- किसी भी तिल या मस्से का अचानक आकार में परिवर्तन होना
- मुँह में छाले होना और लंबे समय तक ठीक न होना या मुँह में सफेद छाले पड़ जाना
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
15 प्रतिशत  की दर से बढ़ रहे मरीज

मेडिकल कॉलेज के कैंसर विभाग में हर साल 15प्रतिशत की दर से कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं। पुरुषों में सबसे ज्यादा मुख कैंसर, वहीं महिलाओं में ब्रेस्ट और बच्चेदानी कैंसर के मामले हैं। अगर आपको शरीर में कुछ भी असामान्य लगता है, तो तुरंत जाँच कराएँ। वहीं बचने के लिए व्यसनों से दूर रहें। ऑर्गेनिक फूड को भोजन में शामिल करें।
डॉ. श्यामजी रावत, कैंसर विभाग, मेडिकल कॉलेज
खान-पान और दिनचर्या पर दें ध्यान

अगर खानपान और दिनचर्या पर ध्यान नहीं दिया, तो 2020 तक 17 लाख नए कैंसर रोगी प्रदेश समेत देश में होंगे। बीते सवा चार सालों में प्रदेश में 70 हजार कैंसर के मरीजों में 31 हजार मरीज दम तोड़ चुके हैं। पुरुषों में तंबाकू सेवन, महिलाओं में इन्फेक्शन व असंयमित लाइफ स्टाइल के कारण कैंसर के मामलों में इजाफा हुआ है।
डॉ. राकेश पाण्डे, प्रेसीडेंट, आयुर्वेद पीजी एसोसिएशन
लाइलाज नहीं है

कोशिकाओं के अनियमित विकास के कारण कैंसर जैसी बीमारी होती है। कैंसर का नाम सुनते ही लोग भयभीत हो जाते हैं कि यह रोग लाइलाज है, लेकिन ऐसा नहीं है। मरीज रोग के बारे में भयभीत न हो, बल्कि वह मर्ज के बारे में डॉक्टर से समझे एवं उसकी उपयुक्त जाँच एवं इलाज की तरफ अपना ध्यान केंद्रित करें।
डॉ.मालती भगत, कैंसर रोग विशेषज्ञ

Created On :   3 Feb 2019 5:11 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story