बीजद सांसदों का वित्तमंत्री से आग्रह, केंदू पत्ते पर लागू जीएसटी हटाएं

BJD MPs urge Finance Minister to remove GST applicable on kendu leaves
बीजद सांसदों का वित्तमंत्री से आग्रह, केंदू पत्ते पर लागू जीएसटी हटाएं
उड़ीसा सियासत बीजद सांसदों का वित्तमंत्री से आग्रह, केंदू पत्ते पर लागू जीएसटी हटाएं

डिजिटल डेस्क, भुवनेश्वर। बीजू जनता दल (बीजद) के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से बीड़ी लपेटने में इस्तेमाल होने वाले केंदू के पत्ते पर लगाए गए 18 फीसदी जीएसटी को वापस लेने का आग्रह किया। बीजद प्रतिनिधिमंडल में शामिल संसद के दोनों सदनों के सदस्यों ने दिल्ली में सीतारमण से मुलाकात की और इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा।

केंदू (तेंदू) पत्ता, एक लघु वनोपज (एमएफपी) है। ओडिशा में लगभग 8 लाख केंदू पत्ता तोड़ने वालों, बांधने वालों और मौसमी श्रमिकों की वित्तीय रीढ़ है, जो ज्यादातर आदिवासी समुदाय से संबंधित हैं। सांसदों ने कहा कि उन्हें अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के अनुसार इन उत्पादों को खरीदने और बेचने का अधिकार है। यह कहते हुए कि केंदू के पत्तों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने से लोगों के व्यापार और आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, सांसदों ने वित्तमंत्री से ओडिशा राज्य के व्यापक हित के लिए केंदू के पत्तों पर जीएसटी हटाने का आग्रह किया।

इससे पहले ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंदू के पत्तों पर जीएसटी को वापस लेने के लिए इस साल नवंबर में सीतारमण को पत्र लिखा था। 17 दिसंबर को हुई जीएसटी काउंसिल की 48वीं बैठक में ओडिशा के वित्तमंत्री निरंजन पुजारी ने भी केंदू के पत्ते पर जीएसटी से छूट की मांग उठाई थी। पुजारी ने जीएसटी परिषद की बैठक में कहा था कि वनोपज पर 18 प्रतिशत कर वन अधिकार अधिनियम, 2006 और पेसा अधिनियम, 1996 के खिलाफ है, क्योंकि यह केंदू पत्ता तोड़ने वालों की आजीविका को प्रभावित करता है, जिनमें से 90 प्रतिशत से अधिक आदिवासी हैं। ओडिशा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बाद केंदू के पत्ते का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। ओडिशा में बीड़ी के पत्ते का वार्षिक उत्पादन लगभग 4.5 से 5 लाख क्विंटल है, जो देश के वार्षिक उत्पादन का लगभग 20 प्रतिशत है।

(आईएएनएस)

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Created On :   21 Dec 2022 4:00 PM GMT

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