लोकसभा चुनाव 2024: हिंदी फिल्मों के गीत लिखने वाले कवि भी जीत चुके हैं चुनाव, जानिए मंदसौर सीट का चुनावी इतिहास

हिंदी फिल्मों के गीत लिखने वाले कवि भी जीत चुके हैं चुनाव, जानिए मंदसौर सीट का चुनावी इतिहास
  • भाजपा का गढ़ मंदसौर लोकसभा सीट
  • मालवा क्षेत्र की सबसे चर्चित सीट
  • सुधीर गुप्ता भाजपा के मौजूदा सांसद

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र की मंदसौर लोकसभा सीट की गिनती सबसे चर्चित सीटों में की जाती है। मंदसौर सीट के चुनावी इतिहास में अब तक कुल 17 लोकसभा चुनाव हुए हैं। जिनमें 8 बार भाजपा, 5 बार कांग्रेस, 3 बार जनसंघ और एक बार जनता पार्टी ने चुनाव जीता है। मंदसौर के चुनावी महामुकाबले के इतिहास में शुरुआत में जनसंघ और बाद में भाजपा का प्रभाव देखने को मिला है। मंदसौर सीट को भाजपा का गढ़ भी कहा जाता है। आज हम आपको मंदसौर सीट के चुनावी इतिहास के बारे में बताएंगे।

मंदसौर सीट का चुनावी इतिहास

आजादी के 6 साल बाद मंदसौर में पहले आम चुनाव संपन्न हुए थे। पहले चुनाव में कांग्रेस ने चुनाव जीता था और कैलाश नाथ काटजू सासंद बने थे। 1957 में भी कांग्रेस ने अपनी जीत दोहराई और इस बार माणकभाई अग्रवाल निर्वाचित हुए। 1962 के आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी को पहली बार हार का सामना करना पड़ा। इस बार जनसंघ ने चुनाव जीता और उमाशंकर त्रिवेदी सांसद बने। जनसंघ ने लगातार अगले दो आम चुनाव में जीत दर्ज की। 1967 में स्वतंत्र सिंह कोठारी सांसद बने और 1971 में लक्ष्मीनारायण पांडे निर्वाचित हुए। आपातकाल हटने के बाद साल 1977 में लोकसभा चुनाव हुए। जनसंघ के विघटन के बाद जनता पार्टी बनी जिसने 1977 का आम चुनाव जीता और लक्ष्मीनारायण पांडे दोबारा सासंद बने। साल 1980 में कांग्रेस ने वापसी की और भंवरलाल नाहटा को सांसद बनाया गया। कांग्रेस ने अपना प्रदर्शन दोहराते हुए अगला आम चुनाव भी जीता और बालकवि बैरागी सांसद बने। साल 1989 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की एंट्री हुई। भाजपा ने तब जनसंघ और जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके दो बार के सांसद रह चुके लक्ष्मीनारायण पांडे को सांसद बनाया। लक्ष्मीनारायण पांडे ने भाजपा को लगातार अगले पांच आम चुनाव साल 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में जीत दिलाई। 2009 में कांग्रेस ने लंबे अंतराल के बाद वापसी की। इस बार मीनाक्षी नटराजन को निर्वाचित किया गया। हांलाकि, भाजपा ने अगले चुनाव में वापसी करते हुए कांग्रेस से मंदसौर सीट छीन ली। 2014 में भाजपा प्रत्याशी सुधीर गुप्ता सासंद बने। सुधीर गुप्ता ने 2019 में भी भाजपा को जीत दिलाई और वे वर्तमान में मंदसौर सांसद हैं।

क्या रहा पिछले चुनाव का रिजल्ट?

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सुधीर गुप्ता को मंदसौर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा था। कांग्रेस पार्टी ने भाजपा प्रत्याशी सुधीर गुप्ता के सामने मीनाक्षी नटराजन को मैदान में उतारा था। चुनावी नतीजों में भाजपा को 8 लाख से भी अधिक वोटों से जीत मिली थी। इस दौरान भाजपा को कुल 8 लाख 47 हजार 786 वोट मिले और कांग्रेस को कुल 4 लाख 71 हजार 52 वोट मिले।

कवि बालकवि बैरागी ने जीता चुनाव

मंदसौर सीट पर साल 1984 में कांग्रेस ने कवि बालकवि बैरागी उर्फ नंदरामदास द्वारकादास को चुनावी मैदान में उतारा था। उस चुनाव में बैरागी ने लक्ष्मी नारायण पांडे को शिकस्त दी थी। बालकवि बैरागी हिंदी साहित्य के विख्यात कवि, लेखक और राजनीतिज्ञ थे। बैरागी मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री, लोकसभा सांसद और राज्यसभा सांसद भी बने थे। बैरागी ने कई हिंदी फिल्मों के लिए गीत भी लिखे हैं।

कैसा है जातिगत समीकरण?

साल 2011 की जनगणना के अनुसार मंदसौर लोकसभा क्षेत्र की कुल आबादी 24 लाख 72 हजार 444 है। जिसमें करीब 75 फीसदी जनसंख्या गांवों में और 24 फीसदी आबादी शहरों में रहती है। मंदसौर में 88 फीसदी हिंदू वोटर हैं। वहीं, मुस्लिम मतदाताओं की आबादी 9 फीसदी के आसपास है। 16.78 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जाति और 5.36 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की है। मंदसौर लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा सीटें आती हैं। जिनमें मंदसौर, सुवासरा, मल्हारगढ़, गरोठ, नीमच, जावरा, मनासा और जावद शामिल हैं।

Created On :   20 March 2024 12:39 PM GMT

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