लोकसभा चुनाव 2024: 'मोदी के रहते मेरे सामने कोई चुनौती नहीं'- फग्गन सिंह कुलस्ते, केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री ने कहा विधानसभा चुनाव अपनी गलती से हारा

मोदी के रहते मेरे सामने कोई चुनौती नहीं- फग्गन सिंह कुलस्ते, केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री ने कहा विधानसभा चुनाव अपनी गलती से हारा
  • विधानसभा चुनाव अपनी गलती से हारा- फग्गन सिंह कुलस्ते
  • 'मोदी के रहते मेरे सामने कोई चुनौती नहीं'- फग्गन सिंह
  • 2016-17 तक सब ठीक चल रहा था- फग्गन सिंह

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। मंडला संसदीय सीट से 6 चुनाव जीत चुके केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते साढ़े तीन महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में अपनी घरेलू सीट निवास से हार चुके हैं। इस अचंभित करने वाली हार को परिस्थितिजन्य परिणाम मानते हुए भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने उन पर भरोसा रखते हुए एक बार फिर संसदीय चुनावों में जीत का सिलसिला बरकरार रखने का उन्हें अवसर दिया है। मंडला से डिंडोरी जाते समय रोविंग एडिटर कपिल श्रीवास्तव ने केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते से उनकी हार की वजहों, क्षेत्र के पिछड़ेपन और यहां विकास की कोशिशों सहित विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। लोकसभा चुनाव में उनके सामने खड़ी चुनौतियों को लेकर जब पहला सवाल किया तो वे बेबाक बोले ‘मोदी के रहते मेरे सामने कोई चुनौती नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘ प्रधानमंत्री मोदी की सब दूर लहर है। मोदी के रहते मेरे सामने कोई चुनौती नहीं है। कांग्रेस और उसके प्रत्याशी ओमकार सिंह मरकाम के पास आज जनता को बताने है क्या? आदिवासियों के हितों व उनके सम्मान का भी सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री मोदी ने ही ख्याल रखा। फिर भी ताजी हार से सबक लेते हुए मैं अभी से सजग व सतर्क हूं। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंश।

पिछड़ापन क्यों ?

मंडला, डिंडोरी जिलों के पिछड़ेपन का कारण अशिक्षा व गरीबी है। केन्द्र तथा प्रदेश की भाजपा सरकार के सहयोग से अच्छे स्कूल भी बनाए गए हैं। जरूरत हैं इनमें गांव-गांव के बच्चों को पहुंचाने और उन्हें शिक्षा से जोडऩे की। शिक्षा के प्रति उनमें जागरूकता लाने की। इसी तरह से गरीबी दूर करने का एक ही उपाय है ‘रोजगार’। अभी यहां के लोगों की आय का केवल एक ही साधन है ’कृषि‘, जो उसके पास थोड़ी-बहुत ही है। रोजगार के अवसर तभी पैदा होंगे जब इन दोनों इलाकों का समीपी छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र राज्य, वहां के महानगरों नागपुर, रायपुर, बिलासपुर से सीधा जुड़ाव हो। जब ये इलाके महानगरों से जुड़ेंगे तो औद्योगिक विकास पर भी काम होगा। साथ ही शिक्षा व रोजगार के अधिक बेहतर अवसर पैदा होंगे।

इस दिशा में क्या कदम उठाए?

पिछले दस साल में सडक़ों पर बहुत काम हुआ है। डिंडोरी को मंडला तथा जबलपुर से जोडऩे वाली सडक़ फोरलेन हो रही है। मंडला-जबलपुर रोड ने जरूर कुछ दिक्कतें पैदा कीं, उसका काम भी पटरी पर आ रहा है। अब डिंडोरी को पेंड्रा तक रेल मार्ग से जोडऩे की कवायद चल रही है। जबलपुर-मंडला-सिवनी-छिंदवाड़ा ब्रॉडगेज में बदलने के बाद हमारी यह कोशिश है कि मंडला को राजनांदगांव तथा नागपुर से भी रेल मार्ग से जोड़ा जाए। जब रेल व सडक़ मार्ग से नागपुर व रायपुर, बिलासपुर हमारे क्षेत्र को लोग आ-जा सकेंगे तो तरक्की की राह ख्ुलेगी।

रोजगार कैसे मिलेगा?

यह पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा होने के बाद यहां नये उद्योग आने और बड़े उच्च शिक्षण व कोचिंग संस्थानों में यहां के बच्चों के जाने व इन संस्थानों के यहां आने के अवसर पैदा होंगे। मेडिकल कॉलेज बड़ी उपलब्धि है। कई लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इस सबसे हट कर चुटका परमाण्णु परियोजना की 10 इकाइयां चालू करने की तैयारी है। पांच यूनिटों की आधारशिला रखी जा चुकी है, पांच यूनिटों पर और काम चल रहा है। इससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

कांग्रेसियों के भाजपा में प्रवेश पर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियां ही इतनी अच्छी हैं कि अब कांग्रेसी भी भाजपा में आने को आतुर हैं। यह भाजपा और उसकी सरकार के प्रति लोगो के बढ़ते विश्वास का भी प्रतीक है। इससे पार्टी की ताकत बढ़ेगी। हमारे लिए हमारे पुराने कार्यकर्ता और नवप्रवेषी एक परिवार है, जहां सबका सम्मान है। यह ऐसी सरकार वे ऐसा नेतृत्व है जहां हर वर्ग का ख्याल रखा जाता है।

विधानसभा चुनाव में हार के लिए मैं खुद दोषी

वोटर भी हमारा है और कार्यकर्ता भी हमारा। विधानसभा चुनाव में हार के लिए मैं किसे दोष दूं? 2016-17 तक सब ठीक चल रहा था। केवल एक साल में भरोसे और अनदेखी में मामला गड़बड़ाया और मैँ चुनाव हार गया। आप कह सकते हैं कि मेरा मिस मैनेजमेंट ही रहा जो जीत नहीं पाया। लेकिन पिछले साल-सवा साल में जो घटित हुआ उससे मैंने सबक लिया है। इस बार ऐसी कोई गल्ती नहीं होने दूंगा और चुनाव भी जीतूंगा।

Created On :   11 April 2024 5:00 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story