महाराष्ट्र के बिजली मंत्री नितीन राऊत का बेतुका बयान, बोले- 5 अप्रैल को लाइट बंद न करें, क्योंकि...

महाराष्ट्र के बिजली मंत्री नितीन राऊत का बेतुका बयान, बोले- 5 अप्रैल को लाइट बंद न करें, क्योंकि...

डिजिटल डेस्क,नागपुर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घरों दीये जलाने के आव्हान को लेकर राज्य में उर्जामंत्री व पूर्व उर्जामंत्री ने परस्पर विरोधी बयान जारी किए हैं। ऊर्जामंत्री डॉ.नितीन राऊत ने कहा है कि प्रधानमंत्री के आव्हान को मानकर बिजली बंद रखे तो देश में अंधकार छाने की स्थिति भी बन सकती है। उधर पूर्व उर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि प्रधानमंत्री के आव्हान को लेकर अंधकार की बातें करना केवल कपोलकल्पित है। बात का बवंडर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ समय तक घरों में लाइट बंद रखने से बिजली आपूर्ति व्यवस्था पर अधिक प्रभाव नहीं पड़नेवाला है।

पुनविर्चार किया जाए

उर्जामंत्री डॉ.नितीन राऊत ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना आव्हान पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने देश को संबोधित करते हुए घरों में बिजली बंद रखने का आव्हान किया है। देश में एक साथ बिजली बंद होगी तो बिजली की डिमांड कम होगी। इससे स्थिति बदलेगी। पहले से ही बिजली की डिमांड जनरेशन  सप्लाई से कम है। एक साथ डिमांड कम होने से सेंट्रल ग्रीड फेल हो सकता है। फिलहाल राज्य में बिजली की डिमांड 2300 मेगावाट से 1300 मेगावाट पर आ गई है। केवल अत्यावश्यक कार्यों के लिए बिजली का इस्तेमाल हो रहा है। उद्योगों में बिजली का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। डिमांड कम होने से पावर स्टेशन ट्रिप होने की अधिक संभावना है। ग्रीड फेलुअर की संभावना है। महाराष्ट्र की बिजली व्यवस्था प्रभावित होने का असर देश पर पड़ेगा। देश में अंधकार छा सकता है। एक स्टेशन के पुनर्सुधार में 16 घंटे लगते हैं। राज्य में व्यवस्था पुनर्सुधार में एक सप्ताह लग सकता है।

मिनट टू मिनट मैनेज करने की क्षमता 

पूर्व उर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि राज्य में उर्जा मामले में मिनट टू मिनट मैनेज करने की क्षमता है। जिन घरों में 100 यूनिट बिजली का इस्तेमाल होता है उसमें 10 प्रतिशत का इस्तेमाल रोशनी के लिए होता है। बाकी इस्तेमाल अन्य संसाधनों के लिए होता है। राज्य में कई बार ब्लैकडाऊन किया जा चुका है।उर्जामंत्री  जो तकनीकी पहलू सामने रख रहे हैं वह निराधार है। महामारी के समय में अस्पताल के अलावा आत्मीयता की भी आवश्यकता होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मीयता के आव्हान से दूर जाने का कारस्थान किया जा रहा है। राज्य में सरकार के निर्णयों का साथ विपक्ष दे रहा है। लेकिन यहां सरकार में शामिल लोग केवल प्रधानमंत्री के विरोध में बयान दिए जा रहे हैं।

 

Created On :   4 April 2020 9:36 AM GMT

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