दो सगे भाइयों की जोड़ी ने किया कमाल, एक ने किया मशीन का आविष्कार तो दूसरे ने लिख डाली किताब

The pair of two real brothers did wonders, one invented the machine and the other wrote the book
दो सगे भाइयों की जोड़ी ने किया कमाल, एक ने किया मशीन का आविष्कार तो दूसरे ने लिख डाली किताब
छोटे से उम्र में बनाया रिकॉर्ड दो सगे भाइयों की जोड़ी ने किया कमाल, एक ने किया मशीन का आविष्कार तो दूसरे ने लिख डाली किताब

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अक्सर ही लोग ये उदाहरण देते हुए दिखते हैं कि "वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम करना बच्चों का खेल नहीं है।" मगर हमने दो ऐसे भाइयों की जुगल जोड़ी से बातचीत की जिन पर "चाइल्ड प्रोडिजी" का खिताब बिलकुल सटीक बैठता है। दिल्ली निवासी श्री दल सिंह और डॉक्टर मुक्ता सिंह के दोनों सुपुत्र विनायक सिंह और वरदान सिंह ने महज 14 और 9 वर्ष की आयु में कमाल कर दिखाया है। इतनी कामयाबी के बाद भी दोनो बड़े ही सरल और सहज स्वभाव के हैं और अपनी उम्र से आगे का सोचते हैं, ये उनकी सबसे बड़ी खूबी है।

विनायक ने "कैटल थेफ्ट डिटेक्शन" नाम की एक मशीन का आविष्कार किया है। इस यंत्र से भेड़, बकरियों की चोरी का तुरंत पता लगाया जा सकता है। हाल ही में विनायक ने इस मशीन को पेटेंट भी करवाया। बता दें की विनायक बचपन में ही टेस्ला कॉयल, शॉक वायर गेम जैसे आविष्कार कर चुके हैं। यही नहीं विनायक ने जूनियर सीईओ और जूनियर सीएमओ, जूनियर एमबीए जैसे कई मुश्किल कोर्स पूरे किए हैं, और साथ ही तमाम कांफ्रेंस में पैनलिस्ट के तौर पर भी शामिल हुए हैं। उन्हें चाइल्ड प्रोडिजी नाम के पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। 

वहीं उनके छोटे भाई वरदान ने पंचतंत्र की कहानियां पढ़ने की उम्र में 2 किताबें लिख डाली जिनमें एक कविता की किताब "द फ्लाइट ऑफ माय इमेजिनेशन" और एक साइंस फिक्शन की किताब "द फ्लाइंग मशीन" शामिल है। बता दें की वरदान सिंह, साइंस फिक्शन की किताब लिखने वाले अपनी उम्र के पहले हैं। दोनो ही बच्चों ने अपने अपने क्षेत्र में वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किए हैं और कई खिताब और अवार्ड्स अपने नाम किए हैं। इनमें लाइटरोमा जूनियर स्टार अवार्ड, बाल प्रतिभा सम्मान, एक्जीक्यूटिव अचीवमेंट अवॉर्ड, शुमार हैं। भारत सरकार ने भी दोनों की उपलब्धियों को कई बार सराहा है। आइए जानते हैं इन दोनों भाइयों से भास्कर हिंदी की खास बातचीत का कुछ अंश 

1. इतनी छोटी उम्र में वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम कर, इतना बड़ा मुकाम हासिल कर आप दोनों को कैसा लग रहा है?

हमें ये जानकर बहुत अच्छा महसूस होता है कि हमने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। हमें बहुत अच्छा लगता है और ये भी बहुत अच्छा लगता है कि हमारे माता पिता हम पर गर्व करते हैं। 

2. विनायक, भेड़ों की चोरी देश के किसानों के लिए बड़ी समस्या, तो दिल्ली और बोस्टन जैसे शहरों में बैठ कर आपने इस समस्या का हल कैसे ढूंढा?

मेरे दादाजी एक किसान हैं और वो अक्सर ही बातों में इस समस्या का जिक्र करते थे। वो हमेशा ही कहते थे कि खेत में काम करते समय कोई उनकी गाय, भैंस या भेड़ बकरी चोरी कर लेता था, या कभी अगर दरवाजा खुला रह गाया तो ये चोरियां आम थी। वो इससे काफी परेशान थे। तो मैंने सोचा कि मैं कुछ ऐसा बनाऊं जिससे मैं अपने दादाजी और उन जैसे कई किसानों की मदद कर सकूं जो इस परेशानी से जूझ रहे हैं। तो बस मैंने इस यंत्र का आविष्कार किया।

3. वरदान, अपनी किताबों के बारे में हमें कुछ बताएं और ये भी बताएं की कहानी के किरदारों के बारे में आपने कैसे सोचा?

मेरी पहली साइंस फिक्शन की  किताब का नाम है "द टाइम मशीन"। इस कहानी के अहम किरदार जेक लॉर्ड की प्रेरणा मुझे मेरे भाई से मिली थी। मैं अपनी किताब में अपने भाई जैसे किसी किरदार को रखना चाहता था जो सूझ बूझ वाला हो, क्रिएटिव हो, साइंस और टेक में रुचि रखता हो। तो बस अपने भाई को दिमाग में रख कर मैंने ये कैरेक्टर लिखा। मुझे कहानियों से ज्यादा कविताएं पढ़ना पसंद है क्योंकि कविताओं में राइमिंग शब्द होते हैं और वो छोटी होती हैं। यही कारण है की मैंने एक कविता की किताब भी लिखी है जिसका नाम "द फ्लाइट ऑफ माय इमेजिनेशन है"। ये छोटी छोटी कविताओं का एक कलेक्शन है।

4. हर क्षेत्र में सबका कोई न कोई आइडल होता है, वरदान आप किसे अपना आइडल मानते हैं? और आपकी पसंदीदा किताब क्या है?

मैं "डॉक्टर स्यूस" को अपना आइडल मानता हूं। बता दें की डॉक्टर स्यूस एक अमेरिकी लेखक थे जो बच्चों की कहानियां लिखने के लिए प्रसिद्ध थे। 
मेरी पसंदीदा किताब रिक रिडेन की पर्सी जैक्सन सीरीज है। 

5. विनायक, टेक के क्षेत्र में आपकी रुचि, क्रिएटिविटी और कामयाबी को देखते हुए अगर कभी आपको NASA या ISRO अप्रोच करें तो आप किसे चुनेंगे?

मैं ISRO को ही चुनना चाहूंगा। मैं अपने देश में रहकर ISRO के लिए काम करना चाहूंगा, यहां के साइंस और टेक की तरक्की के लिए काम करूंगा। मैं चाहता हूं की ISRO ज्यादा आगे बढ़े क्योंकि NASA पहले ही दूसरे देशों के लिए काम कर रहा है, तो मेरी इच्छा है की मैं अपने देश के लिए कुछ करूं, एक गर्वित भारतीय नागरिक होने के नाते।
ISRO में जाकर मैं "लिक्विड ऑक्सीजन" और "फ्यूल्ड रॉकेट्स" पे काम करना चाहूंगा।

6. हमने ऐसा सुना था कि विनायक को कार्टून से ज्यादा डॉक्यूमेंट्री देखने का शौक था, तो आपकी पसंदीदा डॉक्यूमेंट्री कौनसी है?

मेरी पसंदीदा डॉक्यूमेंट्री "प्लैनेट अर्थ" है। मुझे प्लैनेट अर्थ बेहद इंटरेस्टिंग लगता है। इसमें वो धरती पर पाए जाने वाले तमाम तरह के जीव जंतुओं के बारे में बात करते हैं और काफी जानकारी देते हैं। यही कारण है की मुझे बीबीसी की प्लैनेट अर्थ डॉक्यूमेंट्री सबसे ज्यादा पसंद है।

7. अपना खाली समय आप दोनो कैसे बिताते हैं? और आप दोनो खुद को डिजिटल मीडिया से कैसे दूर रखते हैं?

खाली समय में हमें किताबें पढ़ना, आउटडोर गेम्स खेलना, पसंद है। हमारे पास खुद के मोबाइल फोन्स नही हैं और हम दिन भर में सिर्फ आधे घंटे फोन पर खेलते हैं। हम सिर्फ टीवी देखते हैं और कभी कभी लैपटॉप। 

8. वरदान बहुत अच्छा सॉकर खेलते हैं और विनायक की वायलिन में खास रुचि ऐसा हमने सुना था। तो आप बताएं आप दोनो आगे इनमें से किस चीज को लेकर चलना चाहते हैं?

सॉकर में कई इनाम जीत चुके वरदान कहते हैं कि, "मुझे सॉकर में दिलचस्पी तो है पर अब मेरी रुचि क्रिकेट में बढ़ रही है। पर मैं एक  स्पोर्ट्सपर्सन नही बनना चाहता, मैं लिटरेचर को ही आगे लेकर चलना चाहता हूं।" विनायक कहते हैं,"हां मुझे वायलिन बजाना बहुत पसंद है। खाली समय में मैं कभी कभी वायलिन बजाता हूं और इसकी क्लासेस भी लेता हूं। बाकी म्यूजिक सुनना भी मेरी हॉबी है पर ये सब सेकेंडरी है, साइंस और टेक हमेशा मेरी पहली पसंद है।"

9. इस सबकी मोटीवेशन आपको कहां से मिली? 

ये सब करने की मोटीवेशन हमें अपनी मम्मी पापा से मिली। वो हमेशा ही में हर चीज में सपोर्ट करते हैं, कभी भी कैसा भी दबाव नहीं डालते। हमारे अन्य परिवारजन भी हमें हर तरह से सपोर्ट देते रहे हैं और हमें सराहते हैं। अपने मम्मी पापा को खुश देख कर हमें बहुत अच्छा लगता है। हमारे मम्मी पापा ही हमारा मोटीवेशन हैं, और हम आगे भी उन्हें ऐसे ही खुश करना चाहते हैं। हर मां बाप के लिए अपने बच्चे द्वारा जीते गए छोटे से छोटे पुरस्कार की अहमियत होती है, उसी तरह हमारे पैरेंट्स भी बहुत खुश हैं और इसी से हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।

10. इतनी सारी चीजों के बीच आपको ऐसा तो नहीं लगता कि आपका बचपन छिन रहा या आपके ऊपर कोई दबाव सा हो? 

ये सब हमारे लिए कहीं से दबाव नहीं है, बल्कि हमें तो इसमें मजा आता है। इसे हम "प्रेशर" नहीं "प्लेजर" कहेंगे। साइंस-टेक और लिटरेचर हमें बेहद इंटरेस्टिंग लगता है। हम जो भी करते हैं ये हमारे लिए एक हॉबी है, पैशन है और फन है न की किसी तरह का प्रेशर। हम कभी इन चीजों से बोर नहीं होते, ऐसे कई लोग होते हैं जिन्हें ये सब पसंद नही होता पर हमें लिखना, आविष्कार करना बेहद पसंद है। हम इसे एंजॉय करते हैं।  

11. अपनी उम्र के बच्चों को आप कुछ मैसेज देना चाहेंगे? 

छोटे वरदान ये कहते हैं कि बच्चों को बाहर का नही खाना चाहिए, और उनकी अगली किताब, जो 10 छोटी कहानियों का एक संग्रह होगी, इसी विषय पर होने वाली है। वो ये भी कहते हैं कि वो जल्द ही एक और साइंस फिक्शन बुक लिखने वाले हैं। 
विनायक कहते हैं की साइंड और टेक बेहद दिलचस्प है। इसे रोज रोज थोड़ा थोड़ा पढ़ने से ये आसन और इंटरेस्टिंग लगेगा।

Created On :   15 April 2022 3:12 PM GMT

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