मंत्रालय ने गूगल से सट्टेबाजी कंपनियों के सरोगेट विज्ञापनों पर एडवाइजरी का पालन करने को कहा

ministry asked google to follow advisory on surrogate ads of betting companies
मंत्रालय ने गूगल से सट्टेबाजी कंपनियों के सरोगेट विज्ञापनों पर एडवाइजरी का पालन करने को कहा
एडवाइजरी मंत्रालय ने गूगल से सट्टेबाजी कंपनियों के सरोगेट विज्ञापनों पर एडवाइजरी का पालन करने को कहा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने गूगल इंडिया से कहा है कि वह भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए सट्टेबाजी कंपनियों के सरोगेट विज्ञापनों को प्रदर्शित करना बंद करे और इस संबंध में सरकार की एडवाइजरी का पालन करे। रिपोर्ट के अनुसार, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पिछले हफ्ते एक पत्र भेजा था, जिसमें कंपनी को सर्च रिजल्ट्स और यूट्यूब में सट्टेबाजी प्लेटफार्मों से सभी विज्ञापन, प्रत्यक्ष या सरोगेट को तुरंत हटाने के लिए कहा था।

सूत्रों ने कहा कि टेक दिग्गज को एडवाइजरी का पालन करने के लिए कहा गया है। इससे पहले मंत्रालय ने इस संबंध में एक एडवाइजरी जारी की थी और सूत्रों ने दावा किया था कि टीवी चैनलों और ओटीटी (ओवर-द-टॉप) प्लेअर्स ने ऑनलाइन सट्टेबाजी फर्मों के सरोगेट विज्ञापन दिखाना बंद कर दिया है। हालांकि, यह ध्यान में लाया गया कि ऐसे कई विज्ञापन यूट्यूब और गूगल पर चल रहे थे।

उपभोक्ताओं, विशेष रूप से युवाओं और बच्चों के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय और सामाजिक-आर्थिक जोखिम को ध्यान में रखते हुए, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 3 अक्टूबर को दो परामर्श जारी किए, एक निजी टेलीविजन चैनलों के लिए और दूसरा डिजिटल समाचार प्रकाशकों और ओटीटी प्लेटफार्मों के लिए। उन्हें ऑनलाइन सट्टेबाजी साइटों के विज्ञापन दिखाने से बचना चाहिए और ऐसी साइटों के विज्ञापनों को सरोगेट करना चाहिए।

मंत्रालय ने इससे पहले 13 जून, 2022 को एक एडवाइजरी जारी कर अखबारों, निजी टीवी चैनलों और डिजिटल समाचार प्रकाशकों को ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म के विज्ञापन प्रकाशित करने से परहेज करने की सलाह दी थी। मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि चूंकि देश के अधिकांश हिस्सों में सट्टेबाजी और जुआ अवैध है, इसलिए इन सट्टेबाजी प्लेटफार्मों के साथ-साथ उनके सरोगेट के विज्ञापन भी अवैध हैं।

मंत्रालय का यह भी विचार है कि सट्टेबाजी और जुआ उपभोक्ताओं, विशेष रूप से युवाओं और बच्चों के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय और सामाजिक-आर्थिक जोखिम पैदा करते हैं। जिसके चलते, विज्ञापनों के माध्यम से ऑफलाइन या ऑनलाइन सट्टेबाजी/जुआ के प्रचार को बड़े जनहित में एडवाइजरी नहीं दी जाती है।

सोर्सः आईएएनएस

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Created On :   7 Dec 2022 8:30 AM GMT

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